Reetika Hooda का Paris 2024 Olympics का सफर एक inspiring कहानी है जो उनके determination, hard work, और उनके सफल होने की क्षमता को दर्शाता है। भारतीय महिला के तौर पर heavyweight category में qualify करने वाली पहली खिलाड़ी होने के नाते, Reetika ने न सिर्फ अपने नाम का, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है। यह journey, जिसमें उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, जो Indian wrestling की growth को global stage पर दर्शाती करती है।
The Path to Paris
Contents
Reetika Hooda की wrestling की शुरुआत Rohtak, Haryana से हुई थी, जो India का एक ऐसा state है जहाँ कुश्ती को एक serious sport की तरह देखा जाता है। Reetika को बचपन से ही इस sport का शौक था, और उन्होंने national और international competitions में अपने अपने प्रदर्शन से सबको चौंका दिया। 2023 में उन्होंने U23 Wrestling World Championship जीत कर सबको चौका दिया, और इसी जीत ने उन्हें Asian Wrestling Olympic Qualification Tournament के माध्यम से Paris 2024 Olympics का ticket दिलवाया। यह एक historical moment था क्योंकि Reetika पहली भारतीय महिला wrestler बनी जो Olympics के heavyweight category में qualify हुईं।
Competing on the World Stage
Paris 2024 Olympics, Reetika Hooda के लिए दुनिया के सबसे बड़े sporting मंच पर debut करने का मौका था। Women’s 76kg freestyle category में compete करते हुए, उनका मकसद सिर्फ जीतना नहीं, बल्कि देश का मान बढ़ाना था। अपनी journey की शुरुआत उन्होंने धमाकेदार तरीके से की, जब उन्होंने Hungary की Bernadett Nagy को technical superiority से हराया। यह जीत उन्हें quarterfinals तक ले गई, जहाँ उनका सामना Kyrgyzstan की Aiperi Medet Kyzy से हुआ, जो कि top-seeded wrestler थी।
The Quarterfinal Challenge
Quarterfinal match एक अहम मुकाबला था, जिसमें Reetika का सामना एक मजबूत opponent Aiperi Medet Kyzy से हुआ। दोनों wrestlers ने अपनी पूरी ताकत और strategy का इस्तेमाल किया, लेकिन match के end तक score 1-1 से tie रहा। Wrestling में जब score बराबर होता है, तो countback rule apply होता है, और जिस wrestler ने आखिरी point कमाया होता है, उसे winner declare किया जाता है। दुर्भाग्यवश, Aiperi का last point उनके पक्ष में गया और Reetika अपने medal round के direct path से बाहर हो गईं।
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The Repechage Hopes
इस हार के बाद भी Reetika के पास bronze medal जीतने का एक और मौका था repechage round के through। इसके लिए जरूरी था कि Aiperi Medet Kyzy फाइनल में पहुंचे। लेकिन Aiperi और USA की Kennedy Blades के बीच का सेमीफाइनल match Reetika के लिए निर्णायक साबित हुआ। Unfortunately, Aiperi हार गईं, और इसी के साथ Reetika का Olympic सफर भी खत्म हो गया, उनके medal जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
Reflecting on Reetika’s Resilience
हालांकि Reetika Hooda का सफर खत्म हो गया, लेकिन यह सफर उनकी resilience और determination को दर्शाता है। Olympics में compete करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि होती है, और Reetika का प्रदर्शन Paris में, despite सभी चुनौतियों के, एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है। सिर्फ 23 साल की उम्र में, Reetika के पास अभी भी काफी समय और मौके हैं अपनी skills को और improve करने और future competitions में अपना नाम बनाने के लिए।
The Future of Indian Wrestling
Reetika Hooda का Paris 2024 Olympics में हिस्सा लेना भारतीय कुश्ती की बढ़ती ताकत और गहराई को दर्शाता है। Reetika जैसे wrestler का सफलता पाना, जो international stage पर अपना नाम बना रही है, यह दर्शाता है कि भारतीय wrestling का भविष्य उज्ज्वल है। अगर उन्हें proper support और international competition का exposure मिलता रहे, तो Indian wrestlers दुनिया के stage पर और भी ज्यादा चमक सकते हैं।
Conclusion
Reetika Hooda का Olympic journey एक powerful reminder है कि sports में सफलता सिर्फ medals जीतने में नहीं है, बल्कि उस perseverance और spirit में है जो athletes competition में लेकर आते हैं। हालांकि उनका Olympic debut disappoint करने वाला रहा, उनकी कहानी एक inspiration और उम्मीद की कहानी है। जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती हैं, इसमें कोई doubt नहीं कि Reetika Hooda wrestling की दुनिया में एक नाम बनी रहेंगी, जो global stage पर भारतीय athletes की resilience और potential को दर्शाती है।
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